गुलशन तो तू है मेरा, बहारों का मैं क्या करूँ,
नैनों मैं बस गए हो तुम, नज़ारों का मैं क्या करूँ।
तुम साथ हो तो दुनियां अपनी सी लगती है,
वरना सीने मे सांसे भी पराई सी लगती है।
किसी से प्यार करो और तजुर्बा कर लो,
ये रोग ऐसा है जिसमें दवा नहीं लगती।
थोड़ा दर्द भी सहलो महोबत के लिए,
थोड़ा इश्क़ भी करलो सेहत के लिए।
है छोटी सी ज़िन्दगी तकरारें किस लिए,
रहो एक दूसरे के दिलों में यह दीवारें किसलिए।
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