मैं तेरे खयालो से बच के कहाँ जाऊं,
तुम मेरी सोच के हर रस्ते पे नजर आते हो।
अभी तो चन्द लफ्जो मे शिकायत है तुझे मैने,
अभी तो मेरी किताबों मे तेरी तफसिर बाकी है।
मत फेक पानी में पथर उसे भी कोई पिता है,
मत रहो यु उदास तुम्हे देख कर भी जिंदगी मे कोई जीता है।
दिल में ना हो जुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती,
खैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती।
सोचता हूँ गुलशन मे काटो के साथ साथ बबूल भी होगे,
क्या हुआ अगर उसने बेवफाई की उसके अपने उसूल भी होगे।
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