बस चाहत है इतनी सी मेरी,
मेरी धड़कन तेरे दिल से जुड़ी रहे।
दूरियों से ही एहसास होता है,
कि नज़दीकियाँ कितनी ख़ास होती है।
तुम सामने आये तो अजब तमाशा हुँआ,
हर शिकायत ने जैसे खुदखुशी कर ली।
जानता हूँ मैं, अभी भी चाहती है मुझे,
ज़िद्दी है वो थोड़ी सी, मगर बेवफ़ा नहीँ।
बस ये ही बात मुझे उसकी अच्छी लगती है,
उदास करके कहते है, नाराज तो नही हो ना।
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