जिद में आकर उनसे ताल्लुक तोड़ लिया हमने,
अब सुकून उनको नहीं और बेकरार हम भी हैं।
होठों पे मुस्कान थी कंधो पे बस्ता था,
सुकून के मामले में वो जमाना सस्ता था।
हमारी चर्चा छोडो दोस्तों, हम ऐसे लोग है जिन्हें,
नफरत कुछ नहीं कहती और मोहब्बत मार डालती है।
बहुत कमजोर निकला तु तो ए दिल,
और तुझे लेकर मैं दुनिया संभालने निकला था।
किस किस से वफ़ा के वादे कर रखे हैं तूने,
हर रोज़ एक नया शख्स मुझसे तेरा नाम पूछता है।
No comments:
Post a Comment