हमें भी आते है अंदाज़ दिल तोड़ने के,
हर दिल में ख़ुदा बसता है यही सोचकर चुप हूँ।
मंजिल का नाराज होना भी जायज था,
हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे थे।
रात भर तारीफ करता रहा तेरी चाँद से,
चाँद इतना जला कि सुबह तक सूरज हो गया।
तुम और तुम्हारी हर बात मेरे लिए ख़ास हैं,
यहीं शायद मोहब्बत का पहला अहसास हैं।
मिट जाते है वो औरों को मिटाने वाले,
लाश कहा रोती है रोते हैं जलाने वाले।
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