रिश्ता उन से इस कदर मेरा बढ़ने लगा,
वो मुझे पढ़ने लगे, हम उन्हें लिखने लगे।
पुराने आशिक वफा तलाश करते थै,
आजकल के आशिक जगह तलाश करते है।
इतनी ठोकरे देने के लिए शुक्रिया ए-ज़िन्दगी,
चलने का न सही, सम्भलने का हुनर तो आ गया।
फितरत किसी की ना आजमाया कर ऐ जिंदगी,
हर शख्स अपनी हद में बेहद लाजवाब होता है।
खामोश बैठें तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं,
ज़रा सा हँस लें तो मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं।
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