Friday, November 16, 2018

2 Line collection in hindi

पत्तों सी हो गई है, रिश्तों की उम्र,
आज हरे.. कल पीले.. परसों सूखे।

होने लगे रुखसत मेरा दामन पकड़ लिया,
जाओ नही कहकर मुझे बाँहों मे भर लिया।

अक्सर वही रिश्ते लाजवाब होते हैं,
जो एहसानों से नहीं एहसासों से बने होते हैं।

तुमने तो गिरा डाली लम्हे में इमारत,
हम अरसे लगेंगे हमको मलबा हटाने में।

अपने जलने मैं नहीं करता किसी को,
शरीक.. रात होते हीं मैं शम्मा बुझा देता हूँ।

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