किसी को प्यार करो तो इतना करो की..
बयां करने से पहले उसे भी तुमसे प्यार हो जाए।
मैं, मेरी तन्हाई, मेरा दर्द और तेरी यादें,
हर रात एक ही तकिये पर सोते हैं इकट्ठे होकर।
नाम देने से कौन से रिश्ते सँवर जाते हैं,
जहाँ रूह न बँधे दिल बिखर जाते हैं।
इत्तफ़ाक़ से नहीं मिले हम सब एक दूसरे से,
इस में थोड़ी बहुत साज़िश तो खुदा की भी रही होगी।
टूटे हुए दिल भी धड़कते है उम्र भर,
चाहे किसी की याद में या फिर किसी फ़रियाद में।
अगर पता होता कि इतना तड़पाती है महोब्बत,
तो कसम से दिल लगाने से पहले हाथ जोड़ लेते।
किस्मत के तराज़ू में तोलो,तो फ़कीर हैं हम,
और दर्द-ए-दिल में, हम सा नवाब कोई नहीं।
दिल अधूरी सी कहानियों का अंत ढूंढता रहा,
और वो कोरा पन्ना मुझे देर तक घूरता रहा।
तुझे बर्बाद कर दूंगी, अभी भी लौट जा वापिस,
मोहब्बत नाम है मेरा, मुझे कातिल भी कहते हैं।
हाल मेरा भी दिन रात कुछ ऐसा है इन दिनों,
वो ज़िन्दगी में आते भी नहीं और ख्यालों से जाते भी नहीं।
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