अच्छा हुआ तुम्हारी आँखों में ये आंसू ख़ुशी के है,
मुझे तो लगा तुम मुझसे बिछड़ के रोये हो।
वो रोई तो जरूर होगी खाली कागज़ देखकर,
ज़िन्दगी कैसी बीत रही है पूछा था उसने ख़त।
नहीं कोई जानकारी मेरे पास मौसम की,
बस इतना जानता हुँ, तेरी यादें तूफ़ान लाती है।
तय है बदलना, हर चीज़ बदलती है इस जहाँ में,
साहेब.. किसी का दिल बदल गया, किसी के दिन बदल गये।
तन्हाई की चादर औढकर रातों को नींद नहीं आती हमें..
साहब.. गुज़र जाती है हर रात किसीकी बातों को याद करते करते।
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