कर गया है इतना खाली वो शख्श मुझे,
मेरा.. मुझसे ही मुझमे सामना नही होता।
मत पूछो के मेरा कारोबार क्या है दोस्तो..
मुस्कुराहटों की छोटी सी दुकान है, नफरतों के बाज़ार में।
तुमसे ही माँगी हैं.. दुआएं तुम्हारे लिए,
हर लम्हा सज़दे में मैने तुम्हें रब की तरह देखा है।
हम अपनी रुह तेरे ज़िस्म मे ही छोड़ आये,
तुझसे गले लगाना तो बस एक बहाना था।
कौन कहता है के दूरियो से मिट जाती है मोहब्बत,
मिलने वाले से तो ख्यालों मे भी मिल आया करते हैं।
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