मैं वक़्त बन जाऊं तू बन जाना कोई लम्हा,
मैं तुझमें गुजर जाऊं तू मुझमें गुजर जाना।
ठुकरा दो अगर दे कोई जिल्लत से समंदर,
इज्जत से जो मिल जाए वो कतरा ही बहुत है।
सुना था वख्त बदलता रहता है,
और अब वख्त ने बताया की लोग भी बदलते है।
तुम्हारी आँखों में बसा है आशियाना मेरा,
अगर ज़िन्दा रखना चाहो तो कभी आँसू मत लाना।
शायरी करने के लिए कुछ खास नहीं चाहिए..
एक यार चाहिए वो भी दगाबाज चाहिए..!!
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