Wednesday, October 31, 2018

2 Line collection in hindi

तु मुझसे मेरे गुनाहों का हिसाब ना मांग मेरे खुदा
मेरी तकदीर लिखने में, कलम तो तेरी ही चली थी।

यूँ ही नहीं होती हाँथ की लकीरों के आगे उँगलियाँ,
रब ने भी किस्मत से पहले मेहनत लिखी है।

आँखों की झील से दो कतरे क्या निकल पड़े..
मेरे सारे दुश्मन एकदम खुशी से उछल पडे।

वादा था मुकर गया.. नशा था उतर गया
दिल था भर गया.. इंसान था बदल गया।

नसीब ने पूछा..बोल क्या चाहिए
ख़ुशी क्या मांग ली खामोश हो गया।

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