इश्क़ किया है तुमसे तुम ही बता दो,
मैं अपने सभी शिकवे ले कर कहाँ जाऊं।
कह दो ना इस दर्द को तुम्हारी तरह बन जाये,
ना मुझे याद करें और ना मेरे करीब आये।
गर शौक चढ़ा है इश्क़ का तो इम्तेहान देना तुम,
बारिश में भी मेरे अश्क़ों को पहचान लेना तुम।
तेरी रूह से मेरे दिल का बडा गहरा है रिश्ता,
यही वजह है मेरे दिल में तेरा हर वक़्त धड़कना।
क्या पता क्या खूबी है उनमे और क्या कमी है हम में,
वो हमे अपना नही सकते और हम उन्हे भुला नही सकते।
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