ख्वाहिशें आज भी खत लिखती है हमे बेखबर,
इस बात से है कि, जिंदगी अब अपने पते पर नही रहती।
ख़्वाहिशें नहीं होतीं, किसी उम्र की मोहताज,
कुछ शौक अगर जीने लगे तो.. साँसे भी कम पड़ जाती हैं।
दिल कहता है की लिख दू, इक नजम तेरे नाम की,
तुझे खुश ना कर पाऊ तो ये ज़िन्दगी किस काम की।
ना किया कर अपने दर्द को शायरी में ब्यान ऐ नादान दिल,
कुछ लोग टूट जाते हैं इसे अपनी दास्तान समझकर।
प्यार वो नहीं जो हाँसिल करने के लिये कुछ भी कर दे,
प्यार वो है जो उसकी ख़ुशी के लिये अपने अरमान छोड़ दे।
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