एक सवाल पूछती है मेरी रूह अक्सर..
मैंने दिल लगाया है या ज़िंदगी दाँव पर।
किसी पर मर जाने से शुरू होती है..
मोहब्बत, इश्क़ जिंदा लोगों का काम नहीं।
ख़्वाहिश को ख़्वाहिश ही रहने देना..
ज़रूरत बन गई तो नींद नहीं आएगी।
कोई सुलह करा दे ज़िन्दगी की उल्झनों से,
बड़ी तलब लगी है आज मुसकुराने की।
ख़्वाब रूठे हैं मगर हौसले अभी ज़िंदा हैं,
हम वो शक्स है जिससे मुश्किलें भी शर्मिंदा हैं।
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