कुछ नेकियाँ ऐसी भी होनी चाहिए,
जिसका खुद के सिवा कोई गवाह ना हो।
छूती है जब सर्द हवाएं मेरे तन मन को,
तो ना जाने क्यूँ एहसास तुम्हारा होता है।
इबादत में ना जो फायदा तो यूँ भी होता है,
हर नई मन्नत पर दरगाहें बदल जाती है।
तू हर जगह खूबसूरती तलाश ना कर,
हर अच्छी चीज़ मेरे जैसी नहीं होती।
नाख़ून अल्फ़ाज़ों के रोज़ पैने करता हूँ,
ज़ख़्म रूह के सूखे अच्छे नहीं लगते।
ज़िन्दगी की खरोंचों से ना घबराइए जनाब,
तराश रही है खुद ज़िन्दगी निखर जाने को।
ये मेरे चारों तरफ किस लिए उजाला है,
तेरा ख़्याल है या दिन निकलने वाला है।
ये कौन कहता है कि तेरी याद से बेखबर हूँ मैं,
मेरी आँखों से पूछ लें मेरी रातें कैसे गुज़रती है।
सारी दुनियाँ छोड़ के मैंने तुझको अपना बनाया था,
करोगे याद सदियों तक कि किसी ने दिल लगाया था।
मोहब्बत किसी से करनी हो तो हद में रहकर करना,
वरना किसी को बेपनाह चाहोगे तो टूटकर बिखर जाओगे।
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