कुछ यूँ उतर गए हो मेरी रग-रग में तुम,
कि खुद से पहले एहसास तुम्हारा होता है।
प्यार आज भी तुझ से उतना ही है बस,
तुझे एहसास नही और हमने जताना भी छोड़ दिया।
इतना दिल से ना लगाया करो मेरी बातो को,
कोई बात दिल में रह गई तो हमे भुला नहीं पाओगे।
मुझे तेरा साथ जिंदगीभर नहीं चाहिये,
बल्कि जब तक तु साथ है तब तक जिंदगी चाहिये।
आइना और दिल वैसे तो दोनो ही बडे नाज़ुक होते है लेकिन,
आइने मे तो सभी दिखते है और दिल मे सिर्फ अपने दिखते है।
No comments:
Post a Comment