नहीं मालूम हसरत है या तू मेरी मोहब्बत है,
बस इतना जानता हूं कि मुझको तेरी जरूरत है।
लफ़्ज़ों के इत्तेफाक़ में यूँ बदलाव करके देख,
तू देख कर न मुस्कुरा बस मुस्कुरा के देख।
तेरी मेरी मोहब्बत का राज उस वक्त खुल गया,
जब दिल तेरी कसम खाने से मुकर गया।
सुनसान सी लग रही है, आज ये शायरों की बस्ती,
क्या किसी के दिल मे, अब दर्द नहीं रहा।
जरूरी नहीं है ईश्क में बॉहों के सहारे ही मिले,
किसी को जी भर के महसुस करना भी मोहब्बत है।
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