ज़िन्दगी की खरोंचों से ना घबराइए जनाब,
तराश रही है खुद ज़िन्दगी निखर जाने को।
ये मेरे चारों तरफ किस लिए उजाला है,
तेरा ख़्याल है या दिन निकलने वाला है।
ये कौन कहता है कि तेरी याद से बेखबर हूँ मैं,
मेरी आँखों से पूछ लें मेरी रातें कैसे गुज़रती है।
सारी दुनियाँ छोड़ के मैंने तुझको अपना बनाया था,
करोगे याद सदियों तक कि किसी ने दिल लगाया था।
मोहब्बत किसी से करनी हो तो हद में रहकर करना,
वरना किसी को बेपनाह चाहोगे तो टूटकर बिखर जाओगे।
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