बात वफ़ाओ की होती तो कभी न हारते,
बात नसीब की थी कुछ ना कर सके।
नींद सोती रहती है हमारे बिस्तर पे,
और हम टहलते रहते हैं तेरी यादों में।
बहोत-सा इश्क है मुझे तुमसे,
बस तुम ज़रा-सा कर लो मुझसे।
बेजान तो हम अब भी नही पर..
जो हमें, जान कहते थे वो कहीं खो गये।
तुझ से जो इश्क़ है वो बेहद है क्यूँकि,
हद और सरहद ज़मीं की होती है दिल की नहीँ।
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