मीठा मोती
पैर में से काँटा निकल जाए तो,
चलने में मज़ा आ जाता है,
और मन में से अहंकार निकल जाए तो,
जीवन जीने में मज़ा आ जाता है,
चलने वाले पैरों में कितना फर्क है,
एक आगे है तो एक पीछे,
पर ना तो आगे वाले को अभिमान है,
और ना पीछे वाले को अपमान,
क्योंकि उन्हें पता होता है,
कि पलभर में ये बदलने वाला है,
इसी को जिन्दगी कहते है।
खुश रहिये मुस्कुराते रहिये
पैर में से काँटा निकल जाए तो,
चलने में मज़ा आ जाता है,
और मन में से अहंकार निकल जाए तो,
जीवन जीने में मज़ा आ जाता है,
चलने वाले पैरों में कितना फर्क है,
एक आगे है तो एक पीछे,
पर ना तो आगे वाले को अभिमान है,
और ना पीछे वाले को अपमान,
क्योंकि उन्हें पता होता है,
कि पलभर में ये बदलने वाला है,
इसी को जिन्दगी कहते है।
खुश रहिये मुस्कुराते रहिये
No comments:
Post a Comment