तेरी नियत नहीं थी साथ चलने की,
वरना साथ निभाने वाले रास्ता देखा नहीं करते।
शाख़ से तोड़े गए फूल ने हंस कर ये कहा,
अच्छा होना भी बुरी बात है इस दुनिया में।
कैसे बयान करुं सादगी मेरे महबूब की,
पर्दा हमी से था मगर नजर हम पर ही थी।
मेरे दिल से ज्यादा मतलबी और कौन होगा,
जो बिना मतलब के भी बस तुम से ही प्यार करता हैं।
प्यार करना सीखा है नफरतो का कोई ठौर नही,
बस तु ही तु है इस दिल मे दूसरा कोई और नही।
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