समुंदर ना हो तो कश्ती किस काम कीं,
मजाक ना हो तो मस्ती किस काम की,
दोस्तों के लिए तो कुर्बान है ये ज़िंदगी,
अगर दोस्त ही ना हो तो फिर ये जिंदगी किस काम कीं।
Samundar na ho to kasti kis kaam ki,
majak na ho to masti kis kaam ki,
dosto ke liye to kurbaan hai ye zindagi,
agar dost hi na ho to phir ye zindagi kis kaam ki.
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