किस्सा नहीं बनना है मुझे तेरी मोहब्बत का,
सच्ची मोहब्बत है तो मुझे हिस्सा बना अपनी जिन्दगी का।
छोडो अब ये मुहोब्बत की बातें..
मिलावट की दुनियां में प्यार भी कुछ मिलावटी सा हैं।
आज तो झगडा होगा तुझसे ए खुदा,
मुश्किलें बढा दी तो सब्र भी बढा देता।
दर्द आँखों से निकला तो सबने बोला कायर है ये,
जब दर्द लफ़्ज़ों से निकला तो सब बोले शायर है ये।
न जाने किस तरह का इश्क कर रहे हैं हम,
जिसके हो नही सकते, उसी के हो रहे हैं हम।
No comments:
Post a Comment