जख्म ही देना था तो पूरा जिस्म तेरे हवाले था,
लेकिन कम्बख़त ने जब भी वार किया दिल पर ही किया।
जिन्दगी की राहों में मुस्कराते रहो हमेशा,
उदास दिलों को हमदर्द तो मिलते हैं हमसफ़र नहीं।
अधूरी मोहब्बत मिली तो नींदें भी रूठ गयी,
गुमनाम ज़िन्दगी थी तो कितने सुकून से सोया करते थे।
टूट कर बिखर जाते हैं वो लोग मिटटी की दीवारों की तरह
जो खुद से भी ज्यादा किसी और से प्यार करते हैं।
किसी को न पाने से ज़िंदगी खत्म नहीं हो जाती,
पर किसी को पाकर खो देने के बाद कुछ बाकी भी नहीं बचता।
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