दर्द मीठा हो तो रुक रुक के कसक होती है,
याद गहरी हो तो थम थम के क़रार आता है।
भरने को तो हर ज़ख्म भर जाएगा लेकिन,
कैसे भरेगी वो जगह जहाँ तेरी कमी होगी।
मुस्कराहट एक कमाल की पहेली है,
जितना बताती है उससे कहीं ज्यादा छुपाती है।
हर बात मानी है तेरी सिर झुका कर ऐ जिंदगी,
हिसाब बराबर कर तू भी तो कुछ शर्तें मान मेरी।
ग़ज़ब की दीवानगी है तुम्हारी मोहब्बत में,
तुम हमारे नहीं फिर भी हम तुम्हारे हो गए।
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