मै लम्हा हूँ कि अरसा हूँ कि मुद्दत हूँ,
ना जाने क्या हूँ.. बीता जा रहा हूँ।
धुआँ बन के मिल जाओ हवाओं में तुम,
साँस लेकर तुम्हें दिल में उतार लेंगे हम।
नींदे हड़ताल पे है जनाब आँखों की मांगें है,
जब तक तुम्हे देख ना ले तब तक सोयेंगे नही।
ख़्वाबों के उफ़क़ पर तेरा चेहरा हो हमेशा,
और मैं इसी चेहरे से नए ख़्वाब सजाऊँ।
चेहरे पे तबस्सुम ने एक नूर सा छलकाया,
क्या काम चिरागों का जब चाँद निकल आया।
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