मेरा क्या हाल है तेरे बिना कभी देख तो ले,
मैं जी रहा हूँ तेरा भूला हुआ वादा बनकर।
कुछ को हकीकत कुछ ख्वाब करना है,
बहुत से लोग है जिनका हिसाब करना है।
हजारो अश्क थे मेरी आँखों की हिरासत में,
किसीकी याद आई और इनको जमानत मिल गयी।
काश मेरे लफ़्ज़ उसके दिल पर असर करें,
वो मेरे करीब आ कर कहें चलो जिंदगी बसर करें।
निकल रहा था सुबह तक मेरे होठो से खून,
रात को इस कदर तेरी तस्वीर को चूमा था मैंने।
No comments:
Post a Comment