मुहब्बत का सबक बारिश से सीखो,
जो फूलो के साथ काँटो पर भी बरसती है।
अभी काँच हूँ इसलिए दुनिया को चुभता हूँ,
जब आइना बन जाऊँगा पूरी दुनिया देखेगी।
क़दम क़दम पर सिसकी और क़दम क़दम पर आहें,
खिजाँ की बात न पूछो सावन ने भी तड़पाया मुझे।
अजनबी शहर में किसी ने पीछे से पत्थर फेंका है,
जख्म कह रहा है जरुर इस शहर में कोई अपना मौजूद है।
उन्होने अपने लबो से लगाया और छोड़ दिया,
वे बोले इतना जहर काफी है तेरी कतरा कतरा मौत के लिए।
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