Sunday, March 17, 2019

2 Line collection in hindi


तेरा हाथ लूँ हाथ में और फिर ऐसा हो,
की तेरे गम खुद ब खुद मुझमें उतर जाये।



वो हिचकिया एक अजीब सुकून दे जाती है
जो तेरा नाम लेने से रुक जाती है।



कुछ तो अलग है शख्सियत उसकी वरना,
इतनी भीड़ में एक वही अपना-सा क्यों लगा



हमने छोड़ दी हैं फनकरिया साहिब वरना,
तुझ जैसे हसीन तो हम कलम से बना लेते थे।



ये शायरी की महफिलें बेवफाओ की वजह से है,
अगर दुनिया में बेवफा न होते तो हम भी शायर न होते।

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