ऐतबार और प्यार दो ऐसे परिंदे है,
एक उड़ जाए तो दूसरा भी उड़ ही जाता है।
अकड़ तोड़नी है उन मंजिलों की,
जिनको अपनी ऊंचाई पर गरूर है।
कैसे मुमकिन है कि भूल जाऊँ तुम्हें,
किस्सा नहीं मेरी जिंदगी का हिस्सा हो तुम।
तुम जिस रिश्ते से आना चाहते हो आ जाना,
हमारे चारो तरफ मोहब्बत ही मोहब्बत है।
मोहब्बत ढूंढने वालो को नहीं मिलती,
मोहब्बत बाँटने वालो को मिला करती है।
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