संग उनके हम दो पल बीताना चाहते हैं,
जो हमारे न हो कर भी.. हमारे है।
गठरी भर यादों के अलावा..
हैं ही क्या मेरे पास वसिहतें मोहब्बत में।
मुश्कीलो से कह दो उलझा ना करे हम से,
हमे हर हालात में.. जीने का हूनर आता है।
एक हसरत-ऐ-दिल है की कभी वो भी हमे मनायें,
पर ये दिल-ऐ-कमबख्त कभी उनसे रुठा ही तो नही।
इतना दर्द तो खुदा ने भी नहीं ₹लिखा होगा,
मेरी क़िस्मत में, जितना दर्द तूने मुझे प्यार कर के दिया है।
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