Tuesday, January 29, 2019

Sad Shayari in Hindi

ज़रा सी ज़िन्दगी में, व्यवधान बहुत हैं,
तमाशा देखने को यहां, इंसान बहुत हैं!
कोई भी नहीं बताता, ठीक रास्ता यहां,
अजीब से इस शहर में, ‘नादान’ बहुत हैं!
न करना भरोसा भूल कर भी किसी पे,
यहां हर गली में साहब बेईमान बहुत हैं!
दौड़ते फिरते हैं, न जाने क्या पाने को,
लगे रहते हैं जुगाड में, परेशान बहुत है!
खुद ही बनाते हैं हम, पेचीदा ज़िन्दगी को,
वर्ना तो जीने के नुस्खे, आसान बहुत हैं! 

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