Saturday, January 19, 2019

Sad Shayari in Hindi

दिन कुछ ऐसे गुजारता है कोई,
जैसे ऐहसान उतारता है कोई,
आईना देखकर तसल्ली हुई,
हमको इस घर मे जानता है कोई,
पक गया है सजर मे फल शायद,
फिर से पत्थर उछालता है कोई,
दूर तक गूंजते है सन्नाटे,
जैसे हमको पुकारता है कोई!

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