Saturday, January 26, 2019

Hindi Poems Poetry

सारी बस्ती में ये जादू नज़र आए मुझको,
जो दरीचा भी खुले तू नज़र आए मुझको,सदियों का रत जगा मेरी रातों में आ गया,मैं एक हसीन शख्स की बातों में आ गया,जब तस्सवुर मेरा चुपके से तुझे छू आए,देर तक अपने बदन से तेरी खुशबू आए,गुस्ताख हवाओं की शिकायत न किया कर,उड़ जाए दुपट्टा तो खनक औढ लिया कर,तुम पूछो और में न बताउ ऐसे तो हालात नहीं,एक ज़रा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं,रात के सन्नाटे में हमने क्या-क्या धोके खाए है,अपना ही जब दिल धड़का तो हम समझे वो आए है।

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