ताश के पत्ते खुशनसीब है यारों,
बिखरने के बाद उठाने वाला तो कोई है।
उलझते सुलझते हुए जिंदगी के हर पल और,
खुश्बू बिखेरता हुआ तेरा खुश्बुदार सा ख्याल।
कौन कहता है आग से आग बुझती नहीं,
हुज़ूर दिल से ज़रा दिल लगा कर तो देखो।
मेरा कत्ल करने की उसकी साजीश तो देखो,
करीब से गुज़री तो चेहरे से पर्दा हटा लिया।
मुझे परखने में तूने पूरी जिंदगी लगा दी,
काश! कुछ वक्त समझने में लगाया होता।
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