चलकर देखा है अक्सर, मैंने अपनी चाल से तेज "साहिब".!!
पर वक्त, और तकदीर से आगे, कभी निकल न सका....
जिनके पास अपने हैं,
वो अपनों से झगड़ते हैं...
जिनका कोई नहीं अपना,🍁💕
वो अपनों को तरसते हैं..।
कल न हम होंगे न गिला होगा।
सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिललिसा होगा।🍁💕
जो लम्हे हैं चलो हंसकर बिता लें।
जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा।
🙏🏻स्वस्थ रहे , मस्त रहे 🙏🏻
मेहनत से उठा हूँ, मेहनत का दर्द जानता हूँ,_
आसमाँ से ज्यादा ज़मीं की कद्र जानता हूँ।
लचीला पेड़ था जो झेल गया आँधियाँ,
_मैं मग़रूर दरख़्तों का हश्र जानता हूँ।
_छोटे से बड़ा बनना आसाँ नहीं होता,
जिन्दगी में कितना ज़रुरी है सब्र जानता हूँ।
मेहनत बढ़ी तो किस्मत भी बढ़ चली,
छालों में छुपी लकीरों का असर जानता हूँ।
कुछ पाया पर अपना कुछ नहीं माना,
_क्योंकि आख़िरी ठिकाना मेरा मिट्टी का घर जानता हूँ।
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