फ़लसफी को बहस के अंदर ख़ुदा मिलता नहीं,
डोर को सुलझा रहा है और सिरा मिलता नहीं।
मेरे बिना रह ही जायेगी कोई न कोई कमी,
तुम जिंदगी को जितनी मरजी सँवार लेना।
दोस्तो से बडी कोई दौलत नही,
इस मामले में मुझ से बड़ा कोई अमीर नहीं।
माना कि दो किनारो का कही संगम नही होता,
मगर साथ चलना भी तो कम नहीं होता।
जिनके उपर जिम्मेदारीयों का बोझ होता है,
उनको रुठने और टूटने का हक़ नही होता।
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