किसी के काम न जो आए वह आदमी क्या है,
जो अपनी ही फिक्र में गुजरे, वह जिन्दगी क्या है।
कितना और बदलूं खुद को जिंदगी जीने के लिए,
ऐ जिंदगी, मुझको थोडा सा मुझमे बाकी रहने दे।
सबके कर्ज़े चुका दूँ मरने से पहले, ऐसी मेरी नीयत है,
मौत से पहले तू भी बता दे ज़िंदगी, तेरी क्या कीमत है।
तुने तो रुला के रख दिया ए-जिन्दगी,
जा कर पूछ मेरी माँ से कितने लाडले थे हम।
नही चाहिए हमें ओर कुछ भी..
अगर, किस्मत मुझे तुम्हारा साथ दें दे।
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