हूँ परेशान मैं ये कहने के लिये,
तू ज़रूरी है मुझको ज़िन्दा रहने के लिये।
एक बार निगाहे उठाकर देख तो लो,
हम नही चाहते हमे कोई और देखे।
मजबूरियों से लड़कर रिश्तों को समेटा है,
कौन कहता है मुझे रिश्तें निभाने नहीं आते।
इससे ज़्यादा तुम्हें कितना क़रीब लाऊँ मैं,
कि तुम्हें दिल में रख कर भी दिल नहीं भरता।
यकीन जानो ये महोब्बत इतनी भी आसान नहीं,
हज़ारों दिल टूट जाते हैं एक दिल की हिफाज़त में।
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