Dosti kisi ki riyasat nahi hoti,
maut kisi ki amanat nahi hoti,
sambhal kar rakhana hamari adalat mein kadam,
yahan dosti todne wale ki jamanat nahi hoti.
दोस्ती किसी की रियासत नही होती,
ज़िंदगी किसी की अमानत नही होती,
हमारी सलतनत मैं देख कर क़दम रखना,
क्योकि हमारी दोस्ती की क़ैद मैं ज़मानत नहीं होती।
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