लत तेरी ही लगी है.. नशा सरेआम होगा,
हर लम्हा.. मेरे इश्क का, सिर्फ तेरे नाम होगा।
अब मेरा हाल चाल नहीं पूछते हो तो क्या हुआ,
कल एक एक से पूछोगे की उसे हुआ क्या था.
कह दो उससे जुदाई अज़ीज़ है तो रूठ जाये हमसे,
वो हमारे बिन जी सकता है तो हम भी मर नहीं जायेंगे।
मोहब्बत किससे और कब हो जाये..
अदांजा नहीं होता, ये वो घर है जिसका दरवाजा नहीं होता।
उनकी चाल ही काफी थी इस दिल के होश उड़ाने के लिए,
अब तो हद हो गई जब से वो पाँव में पायल पहनने लगे।
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