सबने कहा, बेहतर सोचो तो बेहतर होगा,
मैंने सोचा, उसको सोचूँ, उससे बेहतर क्या होगा।
आँखों में देखी जाती हैं प्यार की गहराईयाँ,
शब्दों में तो छुप जाती हैं बहुत सी तन्हाईयाँ!
खुद को समेट के, खुद में सिमट जाते हैं हम,
एक याद उसकी आती है फिर से बिखर जाते है हम।
जो दिल के आईने में हो, वही है प्यार के क़ाबिल,
वरना दीवार के क़ाबिल तो हर तस्वीर होती है।
साफ़ दामन का दौर तो कब का खत्म हुआ साहब,
अब तो लोग अपने धब्बों पर गुरूर करने लगे हैं।
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