ज़िंदगी में सिर्फ़ " शहद " ही ऐसा पदार्थ है जिसको सौ साल के बाद भी खाया जा सकता है,
और "शहद " जैसी बोली से सालों साल तक लोगों के दिलों में राज किया जा सकता है।
हम तो खुशियाँ उधार देने का
कारोबार करते हैं,साहब!
कोई वक़्त पे लौटाता नहीं
इसीलिए घाटे में चल रहे हैं....
जिंदगी के सफर से बस इतना ही सबक सीखा है ..
सहारा कोई - कोई ही देता है धक्का देने को हर शख्स तैयार बैठा है..
भूलने वाली सारी बातें
"याद" है....
इसीलिए ज़िन्दगी
में "विवाद" है..!!
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