ग कहते हैं ज़मीं पर किसी को खुदा नहीं मिलता,
शायद उन लोगों को दोस्त कोई तुम-सा नहीं मिलता।
तुम्हें किसी और की तकदीर में कैसे जाने दूं,
मेरा वश चले तो, तुम्हें किसी के सपनों में भी ना आने दूं।
दर्द की वजह बहुत बड़ी नहीं बस इतनी सी है,
बेहद करीब था एक शख्स जो अब कहीं नजर नहीं आता।
याद आयेगी हर रोज, मगर तुझे आवाज न दूंगा,
लिखूंगा तेरे ही लिये हर लब्ज़ मगर तेरा नाम न लूंगा।
मुझे तो आज पता चला की मैं किस कदर तन्हा हूँ,
पीछे जब भी मुड़ कर देखूं तो मेरा साया भी मुँह फेर लेता है।
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