कौन कहता है ?
आंसुओं में वजन नहीं होता,
एक आंसू भी छलक जाता है
तो मन हल्का हो जाता है..!!
जिन्दगीं में किसी का साथ काफी है,
कंधे पर किसी का हाथ काफी है,
दूर हो या पास...क्या फर्क पड़ता है,
अनमोल रिश्तों का तो
बस "एहसास" ही काफी है !!
"सफलता" भी फीकी लगती है, यदि कोई "बधाई देने वाला" नहीं हो।🌼
और "विफलता" भी सुन्दर लगती है, जब आपके साथ "कोई अपना खड़ा" हो।☘
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं🍓
और
ना पास रहने से 🤝🏻जुड़ जाते हैं
यह तो एहसास के पक्के धागे है
जो
याद 😊करने से
और मज़बूत हो जाते है।
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