गिरते हुऐ अश्क की कीमत न पूछना,
इश्क़ के हर बूंद में लाखों सवाल होते हैं।
मोहब्बत करो तो ऐसे करो कि..
दगा देकर भी, वो वापिस तेरा होने को तड़पे।
ढलती शाम और भागती जिन्दगी के बीच,
ये तुमसे बेवजह की बातें सुनो यही इश्क है।
ज़ाहिर न होने देना, ये बात जहां भर मैं,
तुम मुझसे खफा हो, ये आपस की बात है।
चलो यूं करें तुम मोम बन जाओ मैं धागा बन जाऊं,
तुम मुझ में पिघल जाओ मैं तुम में जल जाऊं..!!
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