तेरे जहां मे देख ली अच्छाईंया इतनी,
दिल को अब कोई अच्छा नहीं लगता,
हूं तन्हा सही, मगर तुम ये भी तो सोचो,
किसी भीड़ का मै हिस्सा नहीं लगता,
तेरे वादे पर यक़ीन करता चला गया,
अब तो कोई भी सच्चा नही लगता,
बाप की जलती हुई चिता ने ये कहा,
मान भी जा अब, तू बच्चा नहीं लगता।
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