Woh karte hai baat ishq ki,
Par ishq ke dard ka unhe ehsas nahi,
Ishq woh chand hai jo dikhta hai sab ko,
Par usse pana sab ke bas ka baat nahi.
वो करते हैं बात इश्क़ की,
पर इश्क़ के दर्द का उन्हें एहसास नहीं,
इश्क़ वो चाँद है जो दिखता तो है सबको,
पर उसे पाना सब के बस की बात नही..!
No comments:
Post a Comment