ठीक लिखा था मेरे हाथों की लकीरों में,
तू अगर प्यार करेगा तो बिखर जायेगा।
सुना है उन्होंने इरादा किया है खामोश रहने का,
हम भी देखें हमारी मोहब्बत में असर कितना है।
जिस दिन बंद होठों से मोहब्बत पढोगे,
मुझसे शिकायत करना बंद कर दोगे।
बात मोहब्बत की थी, तभी तो लूटा दी जिंदगी तुझ पे,
जिस्म से प्यार होता तो, तुझ से भी हसीन चेहरे बिकते है, बाजार में।
तुम्हारी प्यार भरी निगाहों को हमें कुछ ऐसा गुमान होता है,
देखो ना मुझे इस कदर मदहोश नज़रों से कि दिल बेईमान होता है।
मेरी मोहब्बत का अंदाजा मत लगाना मेरी जान,
हिसाब मैं लूंगा नहीं, और चुकता तुम कर नहीं पाओगी।
जैसे जैसे तू हसीन दिखने लगी है,
मेरी कलम और भी अच्छी शायरी लिखने लगी है।
तुम कभी गलतफहमी में रहते हो.. कभी उलझन में रहते हो,
इतनी जगह दी है तुमको दिल में.. तुम वहाँ क्यों नहीं रहते हो।
यूँ तो एक आवाज़ दूँ.. और बुला लूँ तुम्हें,
मगर कोशिश ये है कि.. खामोशी को भी आज़मा लूँ ज़रा।
खुश्क आँखों से भी अश्कों की महक आती है,
तेरे ग़म को ज़माने से मैं छुपाऊं कैसे।
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